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ये है आशा
आशा पढ़ी लिखी तेज दर्रार, गोरी चित्ती और बेहत सुन्ध लड़गी थी
लेकिन किसमत से उसकी शादी एक किसान के बेटे अमिच से हो गई थी
उसे गाउने रहना बिलकूल भी पसंद नहीं था
उसकी सब सहेलिया शहर में सैटल थी
ये है आशा
आशा पढ़ी लिखी तेज दर्रार, गोरी चित्ती और बेहत सुन्ध लड़गी थी
लेकिन किसमत से उसकी शादी एक किसान के बेटे अमिच से हो गई थी
उसे गाउने रहना बिलकूल भी पसंद नहीं था
उसकी सब सहेलिया शहर में सैटल थी